नारायणपुर में 28 माओवादी कैडरों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया

नारायणपुर, छत्तीसगढ़

Nov 25, 2025 - 20:14
 0  95
नारायणपुर में 28 माओवादी कैडरों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया

नारायणपुर, छत्तीसगढ़ - बस्तर रेंज के जिला नारायणपुर में आज एक महत्त्वपूर्ण एवं निर्णायक उपलब्धि दर्ज हुई, जहाँ कुल 28 माओवादी कैडरों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। इनमें ₹89 लाख के इनामी 19 महिला माओवादी भी शामिल हैं।

पुनर्वास कार्यक्रम के दौरान नारायणपुर के स्थानीय समाज, बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री सुन्दरराज पत्तिलिंगम, कलेक्टर नारायणपुर सुश्री प्रतिष्ठा ममगई, पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री रोबिनसन गुड़िया, सीईओ जिला पंचायत नारायणपुर श्री आकांक्षा शिक्षा खलखो, सेनानी 38वीं वाहिनी आईटीबीपी श्री रोशन सिंह असवाल, सेनानी 43वीं वाहिनी आईटीबीपी श्री राजीव गुप्ता, सेनानी 53वीं वाहिनी आईटीबीपी श्री संजय कुमार, सेनानी 129वीं वाहिनी बीएसएफ श्री संजय सिंह, और सेनानी 135वीं वाहिनी बीएसएफ श्री नवल सिंह उपस्थित रहे।

पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री रोबिनसन गुड़िया ने जानकारी दी कि आज की कार्रवाई के बाद वर्ष 2025 में जिले में कुल 287 माओवादी कैडर हिंसा त्यागकर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। यह आँकड़ा बताता है कि क्षेत्र में विश्वास, शांति और विकास की प्रक्रिया लगातार गति पकड़ रही है।

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री सुन्दरराज पत्तिलिंगम ने कहा, "जिला नारायणपुर में 28 माओवादी कैडरों का पुनर्वास यह दर्शाता है कि हिंसक और जनविरोधी माओवादी विचारधारा का अंत अब निकट है। लोग ‘पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन’ पहल पर भरोसा जताते हुए शांति, गरिमा और स्थायी प्रगति का मार्ग चुन रहे हैं।"

इस पुनर्वास कार्यक्रम में शामिल 28 माओवादी कैडरों में निम्न स्तरों के सदस्य शामिल हैं: Maad Division DVCM Member, PLGA कंपनी नंबर 06 के मिलिट्री सदस्य, एरिया कमेटी सदस्य (ACM), टेक्निकल टीम सदस्य, मिलिट्री प्लाटून PPCM, मिलिट्री प्लाटून सदस्य, SZCM भास्कर की गार्ड टीम — पार्टी सदस्य (PM), सप्लाई टीम सदस्य (PM), एलओएस सदस्य (PM), और जनताना सरकार के सदस्य।

इस अवसर पर 3 माओवादी कैडरों ने अपने पास रखे 3 हथियार (SLR, INSAS एवं .303 रायफल) सुरक्षा बलों को विधिवत रूप से सौंप दिए। यह हिंसा से दूरी बनाने और कानून व्यवस्था पर विश्वास का एक स्पष्ट और सकारात्मक

संकेत है।