जल जीवन मिशन के तहत् कोसी बाई और मुरा राम नुरूटी को अब घर में ही मिल रहा शुद्ध पानी

नारायणपुर, छत्तीसगढ़ जल जीवन मिशन सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना से हजार लोगों को मिल रही राहत ।

Apr 17, 2025 - 20:12
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जल जीवन मिशन के तहत् कोसी बाई और मुरा राम नुरूटी को अब घर में ही मिल रहा शुद्ध पानी

नारायणपुर, 17 अप्रैल 2025 जिला मुख्यालय से 40 किलोमिटर दूर ग्राम कदेर, एक छोटा-सा गांव जहां जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को भी जुटाना कभी एक संघर्ष था। यहां के लोगों के लिए पानी की समस्या एक गंभीर चुनौती थी। इसी गांव में रहते हैं दो विशेष दंपती, कोसी बाई जो नेत्रहीन हैं, वहीं उनके पति मुरा राम नुरूटी एक पैर से विकलांग हैं फिर भी इन दोनों ने कभी हार नहीं मानी और रोजमर्रा के कामों को पूरी मेहनत से अंजाम देते रहे। उनके दो छोटे बच्चे भी हैं, जिनकी परवरिश के लिए ये दंपती दिन-रात जुटे रहते हैं। गांव में पानी की किल्लत ने इनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया था। झरिया से पानी लाने के लिए मुरा राम नुरूटी को एक पैर से कांवड़ उठाकर कठिन रास्तों से गुजरना पड़ता था। इस कार्य में उन्हें बेहद कष्ट होता था, लेकिन परिवार की जरूरतों के लिए उन्होंने कभी शिकायत नहीं की। वहीं कोसी बाई, जो देख नहीं सकतीं, घर के सारे काम संभालती थीं, और जब पानी की जरूरत होती, तो पति के लौटने तक प्रतीक्षा करती थीं।

इस कठिन जीवन में एक नई उम्मीद तब जगी जब जल जीवन मिशन की शुरुआत ग्राम कदेर में हुई। इस योजना के तहत् गांव में 4 हजार 700 मीटर लंबी पाइपलाइन और 3 सोलर टंकियों का निर्माण किया गया। अब गांव के हर घर में शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो गई है। इस बदलाव से कोसी बाई और श्री मुरा राम नुरूटी की जिंदगी में एक नई रोशनी आई है। कोसी बाई भावुक होकर कहती हैं, मैं देख नहीं सकती, पर जब नल से पानी गिरने की आवाज सुनती हूं तो मन को बहुत सुकून मिलता है। ऐसा लगता है जैसे कोई सपना सच हो गया हो। वहीं मुरा कहते हैं, मैं तो सोच भी नहीं सकता था कि कभी ऐसा दिन आएगा जब अपने ही घर में नल से जल मिलेगा। अब झरिया से पानी लाने की तकलीफ नहीं उठानी पड़ती, और जब नल से पानी बर्तन में गिरता है. तो आंखों से देखकर दिल खुश हो जाता है। इन दोनों की कहानी केवल एक व्यक्तिगत संघर्ष की नहीं, बल्कि उस बदलाव की है जो सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से दूर-दराज के गांवों में भी पहुंच रही है। जल जीवन मिशन ने न केवल कदेर गांव में पानी की समस्या का समाधान किया है, बल्कि ऐसे दंपतियों को नई आशा, आत्मनिर्भरता और गरिमा के साथ जीवन जीने का अवसर भी दिया है। ग्राम कदेर आज न सिर्फ जलसंपन्न हो गया है, बल्कि यहां के लोग अब यह महसूस करते हैं कि विकास की धारा सचमुच उनके द्वार तक पहुंची है। कोसी बाई और मुरा राम नुरूटी की यह कहानी प्रेरणा देती है कि जब सरकार की योजनाएं जमीनी स्तर पर लागू होती हैं, तो वह जीवन को बदल देती हैं बिल्कुल सपने की तरह।